दुद्धी के निमियाडी गांव में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की ने आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान रायशा खातून के रूप में हुई है, जिसका परिवार इस घटना से स्तब्ध है। घटना के समय परिवार के अन्य सदस्य दूसरे कमरे में थे। जब रायशा ने कोई आवाज नहीं दी, तो परिजन उसे देखने पहुंचे और तब तक वह फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली। उसे तुरंत फंदे से उतारा गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
रायशा के पिता मुबारक अली, जिन पर 2017 में एक नाबालिग से छेड़छाड़ का आरोप था, को कोर्ट ने दोषी मानते हुए हाल ही में 7 साल की सजा सुनाई थी। उन्हें 29 अगस्त 2024 को जेल भेज दिया गया था। पिता के जेल जाने से रायशा पहले से ही मानसिक तनाव में थी। रायशा की उदासी का दूसरा कारण उसकी स्कूटी का जबरन छिन जाना था। उसके पिता ने बेटी को स्कूल जाने के लिए फाइनेंस पर एक इलेक्ट्रिक स्कूटी दिलाई थी, परंतु किस्त न चुकाने के कारण 5 दिन पहले कंपनी वालों ने स्कूटी उठा ली। इस घटना से रायशा बेहद मायूस हो गई थी। उसने अपनी मां से कहा था की वह अब स्कूल नहीं जाएगी उसके पापा भी जेल चले गए थे।
रायशा के बड़े पापा ने बताया कि वह 12वीं कक्षा की छात्रा थी और स्कूटी के सहारे स्कूल जाया करती थी। जब स्कूटी फाइनेंस कंपनी द्वारा ले ली गई, तो रायशा को गहरा धक्का लगा। उसने कई बार कंपनी वालों से अनुरोध किया, पर वे नहीं माने। स्कूटी चले जाने के बाद रायशा पैदल ही घर लौटी और अपनी मां से रोते हुए इस घटना का जिक्र किया।
ग्राम प्रधान के अनुसार, रायशा पर पारिवारिक और आर्थिक दबाव बहुत बढ़ गया था। पिता के जेल जाने और स्कूटी छिनने की घटनाओं ने उसे अवसाद की गहराइयों में धकेल दिया। इन कठिनाइयों से वह बाहर नहीं निकल पाई और इस गंभीर कदम को उठाने पर मजबूर हो गई।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस दुखद घटना ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया है, और रायशा की आत्महत्या के पीछे के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है।