बहराइच में आदमखोर भेड़िए और खूंखार हो गए हैं। रविवार रात 1 बजे मां के बगल में सो रही 3 साल की बच्ची को उठा ले गया। मां चिल्लाकर पीछे भागी, लेकिन पलक झपकते ही भेड़िया गायब हो गया। 2 घंटे बाद बच्ची का शव घर से एक किमी दूर मिला। भेड़िया दोनों हाथ खा चुका था। मासूम का शव देखते ही मां बेहोश होकर गिर गई। घटना महसी तहसील के नाउवन गरेठी गांव की है।
3 घंटे बाद इस गांव से 2 किमी दूर कोटिया गांव में भेड़िए ने बरामदे में सो रही महिला पर अटैक कर दिया। महिला चिल्लाई तो परिवार दौड़कर आया। तब तक भेड़िया महिला को जख्मी कर चुका था। उसकी हालत गंभीर है। बहराइच में भेड़िया 48 दिन में 7 बच्चों और 1 महिला यानी 8 लोगों को मार चुका है। 38 से ज्यादा लोगों को घायल कर चुका है।
सीएम योगी ने कहा- हर हाल में भेड़ियों को पकड़ा जाए। भेड़िए के हमले से लोग डरे हैं। घरों के बाहर निकलना बंद कर दिया है। झुंड में एक जगह से दूसरी जगह जा रहे, लेकिन प्रशासन बेबस बना हुआ है। एक्शन के नाम पर ड्रोन उड़ाए जा रहे, पिंजरे लगाए जा रहे हैं। नतीजा कुछ भी नहीं निकल रहा। वन विभाग का आलम इस बात से समझा जा सकता है कि कुल कितने भेड़िए हैं। इसे लेकर भी उनके पास कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। उसके दोनों हाथ खा गया। बच्ची की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटी का शव देखकर बेहोश हो गई। फिर उठी फिर रोना शुरू कर दिया।
बेटी के शव को देखकर बेबस पिता फफक कर रो पड़ा। कहने लगा कि मैं बेटी को बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाया। बेटी के शव को देखकर बेबस पिता फफक कर रो पड़ा। कहने लगा कि मैं बेटी को बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाया। मासूम की रोती बिलखती मां को DM मोनिका रानी ने गले से लगा लिया। मासूम की रोती बिलखती मां को DM मोनिका रानी ने गले से लगा लिया।
DM-SP पहुंचीं, घटना के बारे में पूछा भेड़िए के हमले में बच्ची की मौत की खबर पर डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला सुबह 6 बजे गांव पहुंचीं। बच्ची की मां की चीख-पुकार सुनकर डीएम और एसपी भावुक हो गईं। डीएम ने मासूम की मां को गले से लगा लिया। इसके बाद पीड़ित परिवार से बात की। डीएम ने पिता से पूछा- जब उसने बच्ची को उठाया तब आप लोग जग गए थे। पिता – हां हम लोग जग गए थे, उसके पीछे भागे। गांव के लोगों को भी ले गए। लेकिन भेड़िया भाग गया। डीएम – कहां पर मिला शव। पिता – शव गांव से 1 KM की दूरी पर मिला, लेकिन उसके हाथ नहीं मिले। डीएम- प्रशासन आपकी हर संभव मदद करेगा।
भेड़िए के हमले में बच्ची की मौत की सूचना पर DM मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला पीड़ित परिवार के पास पहुंची। भेड़िए के हमले में बच्ची की मौत की सूचना पर DM मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला पीड़ित परिवार के पास पहुंची। डीएम बोलीं- अलग-अलग गांवों में अटैक कर रहे भेड़िए DM मोनिका रानी ने कहा- विशेष समस्या यह आ रही है कि भेड़िए के हमले की घटनाएं अब एक गांव में न होकर अलग-अलग गांवों में हो रही है।
वन विभाग और पुलिस की टीमें लोगों को जागरूक कर रही हैं। मैं अपील करना चाहती हूं कि कुछ दिनों तक लोग घरों के अंदर ही सोएं। ये घटनाएं अलग-अलग महीने की है। पिछले महीने यानी जुलाई से अब तक यह 8वीं घटना है। शासन इस मामले पर बहुत संवेदनशील है। शासन मॉनिटरिंग कर रहा है। 4 भेड़िए पकड़े भी गए हैं। 2 बचे हैं। गोरखपुर से बहराइच पहुंचे ADG, बोले- 33 गांव चिह्नित हुए गोरखपुर रेंज के ADG केएस प्रताप ने सोमवार दोपहर भेड़िए के आतंक से प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
उन्होंने वन विभाग व स्थानीय प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे सर्च आपरेशन के बारे में जानकारी ली। गरेठी गांव पहुंच कर भेड़िए के हमले में मारी गई तीन साल की मासूम अंजलि के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा- ये सभी के लिए एक चैलेंज है। वन विभाग की तरफ से भेड़ियों को पकड़ने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस इस अभियान में हर तरह से वन विभाग की मदद कर रही है। 33 गांव चिह्नित किए गए हैं, जहां हेड कॉन्स्टेबल या कॉन्स्टेबल होमगार्ड और पीआरडी जवानों के साथ लगातार कॉम्बिंग कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने 7 टीमें बनाई हैं, जो पूरे क्षेत्र में रात भर कॉम्बिंग कर रही हैं। वन विभाग कई जगहों से स्पेशलिस्ट बुला रहा है। शासन ने गोरखपुर रेंज के एडीजी केएस प्रताप को बहराइच भेजा। शासन ने गोरखपुर रेंज के एडीजी केएस प्रताप को बहराइच भेजा। एडीजी ने पीड़ित परिवार से मिले। उन्होंने घटना की जानकारी ली। एडीजी ने पीड़ित परिवार से मिले। उन्होंने घटना की जानकारी ली। अब शनिवार रात हुई दोनों घटनाओं के बारे में विस्तार से…
पहली घटना शनिवार रात की है। नाउवन गरेठी गांव में रात 1 बजे भेड़िए ने हमला किया। बरामदे में मां के बगल की चारपाई में सो रही 3 साल की बच्ची अंजलि को भेड़िया दबोच ले गया। बच्ची चीखी तो मां-पिता की आंख खुली, वह भेड़िए के पीछे दौड़े। हल्ला मचाया, लेकिन भेड़िया कुछ ही पल में बच्ची को जबड़े में दबोच कर ले गया। रात में हल्ला हुआ तो ग्रामीण इकट्ठा हो गए। लाठी-डंडे और टॉर्च लेकर उसी दिशा में बच्ची की तलाश में गए, जिधर भेड़िया भागा था। करीब 1 किमी दूर बच्ची का शव मिला। उसके दोनों हाथ भेड़िया खा चुका था। मां-बाप बच्ची का शव देखकर बेहोश हो गए। बच्ची की मां ने रोते हुए कहा- हाय मेरी बिटिया के दोनों हाथ पता नहीं कहां ले गए। उसके हाथ ही खा गए। अब हम कहां पाएंगे अपनी बच्ची को। अब हम क्या करेंगे।
दूसरा हमला सुबह 4 बजे हुआ है। इस हमले में एक बुजुर्ग महिला घायल हैं। दूसरा हमला सुबह 4 बजे हुआ है। इस हमले में एक बुजुर्ग महिला घायल हैं। महिला के गले पर हमला किया, हालत गंभीर दूसरी घटना भी महसी तहसील के बारा कोटिया गांव की है। यहां सुबह 4 बजे घर के बरामदे में लेटी अचला नाम की महिला पर भेड़िए ने हमला कर दिया। वह घबराकर चिल्लाने लगी तो अंदर से परिजन दौड़कर आए। भेड़िया ने गले से पकड़कर खींचने की कोशिश की, लेकिन शरीर वजनी होने के चलते वह उन्हें खींचकर ले नहीं जा पाया। भेड़िया छोड़कर भाग गया। हालांकि, गले में कई वार किए, इससे महिला गंभीर घायल हो गई। उसकी हालत गंभीर है। दोनों घटनाएं क्या एक ही भेड़िए ने की है? इस सवाल का वन विभाग के अफसरों के पास जवाब नहीं है। वह कहते हैं कि यह कह पाना मुश्किल है। दोनों गांव जहां भेड़िया ने हमला किया वह महसी तहसील में है। यह इलाका घाघरा तहसील के कछार में बसा हुआ है।